Success story of Sandeep Gajakas : व्यवसाय और स्टार्टअप की दुनिया में, ऐसे कई लोगों की सफलता की कहानियां हैं, जिन्होंने बहुत ही सामान्य शुरुआत से आज बड़ी-बड़ी कंपनियाँ खड़ी कर ली हैं। आज हम आपके लिए एक ऐसे ही व्यवसाय की सफलता की कहानी लेकर आये हैं, जहाँ के संस्थापक ने जूतों की पॉलिशिंग का काम करके करोड़ों की कंपनी बना दी है।
जी हाँ, आपने बिलकुल सही सुना है! जूतों की पॉलिशिंग का काम करके इस स्टार्टअप के संस्थापक ने इसे करोड़ों का साम्राज्य बना दिया है। भारत में जहाँ कई लोग जूतों की पॉलिशिंग को एक छोटा-सा काम मानते हैं, वहीं सफल लोग बताते हैं कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है। इस स्टार्टअप के संस्थापक ने इस कहावत को सच कर दिखाया है और जिसमें उन्होंने जूतों की पॉलिशिंग के काम को करोड़ों के बिजनेस में तब्दील कर दिया है।
आज हम सन्दीप गजकास की बात कर रहे हैं, जिन्होंने भारत की पहली शू लाँड्री कंपनी खड़ी की। इस कंपनी में वे लोगों के जूतों की सफाई और उनकी देखभाल कर के पैसे कमाते हैं। इस आर्टिकल में आप सन्दीप गजकास की सफलता की कहानी पढ़ेंगे और जानेंगे कि उन्होंने जूतों की पॉलिशिंग के काम को किस तरह करोड़ों के बिजनेस में तब्दील कर दिया।
सन्दीप गजकास की सफलता की कहानी की शुरुआत कैसे हुई
सन्दीप गजकास मुंबई, भारत के रहने वाले हैं और एक अच्छी खासी फैमिली से संबंध रखते हैं। अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी करने के बाद सन्दीप विदेश में नौकरी करने की ख़्वाहिश रखते थे। हालाँकि जिस साल उन्होंने विदेश जाने की प्लानिंग की थी, उस साल अमेरिका में 9/11 की घटना हो गयी। इस घटना के कारण सन्दीप को विदेश में नौकरी करने का अपना प्लान बदलना पड़ा।
विदेश में काम करने की योजना रद्द होने के बाद, संदीप ने अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने का फैसला किया। अपनी बचत और मात्र ₹12,000 से उन्होंने “द शू लॉन्ड्री” नामक एक कंपनी शुरू की।। सन्दीप ने अपने घर को ही व्यवसाय शुरू करने के लिए जगह बनाया। उन्होंने अपने बाथरूम को वर्कशॉप में बदल दिया, जहाँ पर वे जूतों की पॉलिशिंग का काम करते थे।
शुरुआत में सन्दीप अपने दोस्तों के पुराने और गंदे जूते साफ करते थे और उन्हें पॉलिश करके वापिस कर देते थे। इसके साथ ही वे अपने दोस्तों के फटे-पुराने जूतों की मरम्मत भी करते थे, जिससे उनके दोस्त बहुत खुश रहते थे। सन्दीप के दोस्त उनके काम की तारीफ करते थे, जिससे उन्हें अपने व्यवसाय के प्रति विश्वास बढ़ता गया। हालाँकि शुरूआत में उनके परिवार वाले इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके जूते पॉलिश करने के लिए उन्हें मना करते थे, पर सन्दीप अपने काम में लगे रहे।
चुनौतियों का सामना करते हुए सफलता हासिल की
जब सन्दीप ने जूतों की पॉलिशिंग का काम शुरू किया था, तब उनके घरवाले इस बात से खुश नहीं थे क्योंकि इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके उन्होंने जूते पॉलिश करने का काम चुना था। इंजीनियरिंग की डिग्री लेकर उनके बेटे को ऐसा काम करते देखना बहुत कम माता-पिता को अच्छा लगता है। शुरूआत में विरोध होने के बावजूद सन्दीप अपने व्यवसाय में लगे रहे। कई लोग उनका मजाक उड़ाते थे और कहते थे कि इंजीनियरिंग करने के बाद उन्हें नौकरी नहीं मिली है। हालाँकि सन्दीप ने इन सभी बातों को नजरअंदाज किया और अपनी मेहनत जारी रखी।
करोड़ों का टर्नओवर हासिल किया
साल 2003 में सन्दीप गजकास ने “द शू लाँड्री” की शुरुआत की और आज उनकी कंपनी करोड़ों का टर्नओवर हासिल कर चुकी है। सन्दीप ने लगातार मेहनत की और उनके साथ-साथ उनके व्यवसाय का विस्तार भी होता गया। आज “द शू लाँड्री” के पूरे भारत में 10 अलग-अलग राज्यों में फ्रेंचाइजी हैं। शुरूआत में उनके विरोध करने वाले आज उनके सामने चुप हैं और उनके सफर से कई लोगों को प्रेरणा मिलती है।
सन्दीप गजकास की सफलता की कहानी का अवलोकन
– आर्टिकल का शीर्षक : सन्दीप गजकास की सफलता की कहानी
– स्टार्टअप का नाम : द शू लाँड्री
– संस्थापक : सन्दीप गजकास
– शहर : मुंबई, भारत
– द शू लाँड्री का Revenue (वित्त वर्ष 2023) : ₹2-3 करोड़
– ऑफिसियल वेबसाइट : shoelaundry.com
सन्दीप गजकास की सफलता का श्रेय इस बात को जाता है कि वे हमेशा खुद पर विश्वास रखते थे और नकारात्मक बातों को उन्होंने नज़रअंदाज किया। आज वे जूतों की पॉलिशिंग के काम से ही करोड़ों की कंपनी खड़ी कर चुके हैं।
सन्दीप गजकास की सफलता की कहानी पर उनका इंटरव्यू
हम आशा करते हैं कि इस आर्टिकल के जरिये आपको Success story of Sandeep Gajakas की कहानी के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इस आर्टिकल को आप अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें, ताकि वे भी इस अद्भुत सफर के बारे में जान सकें। ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए TAZZATIMES.COM से जुड़े रहें।
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