Success story of Atero : आज के समय में स्टार्टअप्स की दुनिया में, हर रोज़ नई सफलता की कहानियां सामने आती हैं, जो अपनी उपलब्धियों का प्रदर्शन करती हैं। आज, हम आपके लिए एक ऐसे स्टार्टअप की कहानी लेकर आए हैं, जिसने अपने अभिनव विचार के दम पर 300 करोड़ रुपये की कंपनी बनाई है।
इसके अलावा, यह स्टार्टअप अपने प्रयासों के माध्यम से हमारे पर्यावरण को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है। कई लोग इस स्टार्टअप के सकारात्मक पर्यावरणीय प्रभावों के लिए इसकी सराहना करते हैं। हम बात कर रहे हैं अटेरो स्टार्टअप की, जो नोएडा में स्थित एक कंपनी है जिसका मुख्य फोकस इलेक्ट्रॉनिक कचरे (ई-कचरा) को रीसायकल करना या उससे बहुमूल्य धातुओं को निकालना है। इलेक्ट्रॉनिक कचरे से तात्पर्य है की उन लैपटॉप, फोन और टैबलेट से है जिन्हें फेंक दिया जाता है।
Attero के फाउंडर : Success story of Atero
इस स्टार्टअप ने वैश्विक स्तर पर ई-कचरे में भारत के बढ़ते योगदान को पहचानते हुए शुरुआत की थी। 2008 में अपनी स्थापना के समय, नितिन गुप्ता और रोहन गुप्ता, दोनों संस्थापक, ने लैपटॉप और मोबाइल फोन की विश्वव्यापी बढ़ती मांग के कारण भारत में ई-कचरे में उल्लेखनीय वृद्धि देखी।
लंदन बिजनेस स्कूल से एमबीए ग्रैजुएट नितिन गुप्ता और इंजीनियरिंग ग्रैजुएट रोहन गुप्ता ने अटेरो को तब शुरू करने का फैसला किया जब भारत का वैश्विक ई-कचरे में योगदान काफी महत्वपूर्ण था। उनका लक्ष्य ई-कचरे के जरिए अच्छा पैसा कमाना और साथ ही पर्यावरण को लाभ पहुंचाना था।
Attero कंपनी क्या क्या Recycle करती है
वर्तमान में, अटेरो लैपटॉप, मोबाइल फोन, टेलीविजन, टैबलेट और रेफ्रिजरेटर से उत्पन्न कचरे से विभिन्न धातुओं जैसे सोना, चांदी, एल्यूमीनियम और तांबा निकालता है। उन्होंने ली-आयन बैटरी को रीसायकल करने का भी प्रयास किया है, जो इस श्रेणी में उत्पन्न होने वाले महत्वपूर्ण कचरे को संबोधित करता है।
अटेरो के संस्थापक, नितिन और रोहन, ने ई-कचरा उद्योग में अवसरों पर सक्रिय रूप से शोध किया है। ई-कचरे में ली-आयन बैटरी के भारी बर्बादी को देखते हुए, उन्होंने इन बैटरियों के रीसाइक्लिंग प्रक्रिया पर शोध शुरू किया। 2019 में, उन्होंने सफलतापूर्वक ली-आयन बैटरी का पुनर्चक्रण शुरू किया, जिससे कंपनी को अतिरिक्त लाभ मिला।
कंपनी ने 38 पेटेंट रजिस्टर कराये
कंपनी ने भविष्य की चुनौतियों का सामना करने और अपनी तकनीकों को चोरी से बचाने के लिए 38 पेटेंट हासिल किए हैं। अटेरो ने अभिनव तकनीकों का उपयोग करते हुए अपनी ली-आयन बैटरी रीसाइक्लिंग प्रक्रिया को पेटेंट कराया है।
300 करोड़ से ज्यादा कमा चुकी है कंपनी
रिपोर्टों के अनुसार, अटेरो एक लाभदायक व्यवसाय है, जिसने पिछले वित्त वर्ष (FY22) में लगभग 214 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ 40 करोड़ रुपये का लाभ कमाया है। वित्त वर्ष 23 में, कंपनी ने लगभग 300 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है और इसके बढ़ने की उम्मीद है।
अटेरो कंपनी ई-कचरे से विभिन्न प्रकार के उत्पाद बनाती है
अटेरो न केवल कचरे के पुनर्चक्रण में योगदान देता है बल्कि घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद भी प्रदान करता है। इन उत्पादों में 99% शुद्धता होती है
अटेरो लैपटॉप, मोबाइल फोन, टेलीविजन, टैबलेट और रेफ्रिजरेटर से उत्पन्न कचरे से सोना, चांदी, एल्यूमीनियम, तांबा, निकल, कोबाल्ट और अन्य बहुमूल्य धातुओं को निकालता है।
इन धातुओं का उपयोग विभिन्न उद्योगों में किया जाता है, जैसे कि इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोटिव, निर्माण और चिकित्सा। उदाहरण के लिए, सोने का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में, चांदी का उपयोग फोटोग्राफी में, और एल्यूमीनियम का उपयोग वाहनों और निर्माण में किया जाता है।
अटेरो ली-आयन बैटरी से लिथियम कार्बोनेट निकालता है, जिसका उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों, मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाता है। लिथियम कार्बोनेट एक महत्वपूर्ण घटक है जो ली-आयन बैटरी को शक्ति देता है। अटेरो दुनिया का सबसे बड़ा ली-आयन बैटरी रीसाइक्लर है।
अटेरो कोबाल्ट से कोबाल्ट चिप्स बनाता है, जिसका उपयोग लिथियम-आयन बैटरी, स्टील, कांच और अन्य उत्पादों में किया जाता है। कोबाल्ट एक महत्वपूर्ण घटक है जो लिथियम-आयन बैटरी को शक्ति देता है। अटेरो कोबाल्ट चिप्स दुनिया में सबसे शुद्ध कोबाल्ट चिप्स प्रदान करता है।
कंपनी का लक्ष्य 8000 करोड़
अटेरो वर्तमान में बहुत सीमित स्थानों में काम कर रहा है, लेकिन आने वाले समय में, कंपनी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने परिचालन का विस्तार करने के लिए तैयार है। अनुमान है कि कंपनी अगले तीन वर्षों में लगभग 8,000 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त कर सकती है।
हमें उम्मीद है कि इस लेख ने आपको अटेरो व्यवसाय के बारे में जानकारी प्रदान की है। अगर आपको उनकी कहानी पसंद आई है, तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। अधिक लेखों के लिए हमारी वेबसाइट TAZZATIMES.COM से जुड़े रहें।
आमतौर पर पूछे जाने वाले प्रश्न : Frequently Asked Questions
1. 1. India की सबसे बड़ी रीसाइक्लिंग कंपनी कौन सी है?
ANS : Atero भारत की सबसे बड़ी रीसाइक्लिंग कंपनी है, जो देश में ई-कचरे के पुनर्चक्रण में महत्वपूर्ण योगदान देती है।
2. Atero कंपनी कहाँ स्थित है?
ANS : Atero कंपनी नोएडा, भारत शहर में स्थित है।
3 . Atero कंपनी के founder कौन है ?
ANS : Atero कंपनी के founde नितिन गुप्ता और रोहन गुप्ता
यह भी पढ़े : 16 वर्षीय लड़की ने 100 करोड़ की एआई कंपनी कैसे बनाई ,सभी को चौंका देने वाली ! Delv AI success Story
यह भी पढ़े : Crepdog Crew Story : कैसे तीन दोस्तों ने जूते बेचकर बना डाली कई करोड़ की कंपनी वह भी सिर्फ इंस्टाग्राम पर.
1 thought on “Success story of Atero : कचरे से इस व्यक्ति ने बनाई 300 करोड़ रुपये की कंपनी!”