Shark tank season 3 india : महाराष्ट्र के छोटे से गाँव यवतमाल के रहने वाले 27 वर्षीय हर्षल का बचपन से ही एक कार खरीदने का सपना था। उसी सपने को हकीकत में बदलने के लिए उन्होंने “Shark tank season 3 india” में भारत का पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से चलने वाला हाइड्रोजन ईंधन वाला वाहन निर्माण स्टार्टअप “AI Cars” पेश किया।
Shark tank season 3 india में हर्षल महादेव नाखने ने महज 19 साल की उम्र में दुनिया की एक प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनी बनाने का सपना देखा। मात्र 18 महीनों में, उन्होंने अपने घर के पीछे एक छोटे से गैरेज में यह कार बनाई। इसे बनाने में लगभग 60 लाख रुपये का खर्च आया, जिसमें उनके दूसरे व्यवसाय से हुई कमाई और दोस्तों और परिवार के योगदान शामिल थे।
19 साल की उम्र में शुरू की इनोवेशन की यात्रा
हर्षल ने वैश्विक स्तर पर ऑटोमोबाइल कंपनी खोलने के जुनून से प्रेरित होकर 19 साल की उम्र में ही इस सफर की शुरुआत की थी। उन्होंने महज 18 महीनों में अपने घर के पीछे एक छोटे से गैरेज को इस क्रांतिकारी कार के निर्माण केंद्र में बदल दिया। वित्तीय मदद के लिए उनको न केवल दोस्तों और परिवार का साथ मिला, बल्कि उनके दूसरे व्यवसाय से हुई कमाई ने भी काफी योगदान दिया।
हाइड्रोजन से चलने वाला वाहन एडवांस AI Car
यह AI Car हाइड्रोजन ईंधन सेल तकनीक का इस्तेमाल करती है। जहां इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज होने में औसतन 5-6 घंटे लगते हैं, वहीं हाइड्रोजन ईंधन भरने में केवल 3-5 मिनट लगते हैं। इतना ही नहीं, यह कार 1000 किलोमीटर से अधिक का माइलेज देती है। यह कार न केवल स्वचालित है, बल्कि भारतीय सड़कों पर भी आसानी से चल सकती है। इसमें आपातकालीन ब्रेकिंग, 3D कैमरों और अल्ट्रासोनिक सेंसरों का उपयोग करके बाधाओं के बीच अंतर करने जैसी विशेषताएं भी हैं।
टेस्ला को भी पीछे छोड़ती एडवांस AI Car
हर्षल ने अपनी कार में ऐसी उन्नत AI तकनीक का इस्तेमाल किया है जो भारतीय सड़कों पर खुद चलने में सक्षम है। उन्होंने सभी शार्क को इसका टेस्ट ड्राइव भी कराया। इस कार की AI भारतीय सड़कों की बारीकियों को समझती है और आपातकालीन ब्रेकिंग जैसी सुविधाएं प्रदान करती है। विदेशी कंपनियों द्वारा AI के लिए लिडार का उपयोग करने के विपरीत, यह कार 3D कैमरों और अल्ट्रासोनिक सेंसरों का इस्तेमाल करती है।
2 करोड़ के बदले 4% इक्विटी की मांग
ऑटोमोटिव क्षेत्र में क्रांति लाने का लक्ष्य रखते हुए, हर्षल ने अपने स्टार्टअप में 4% हिस्सेदारी के बदले 2 करोड़ रुपये मांगे। उनकी पिच ने शार्क के साथ एक ऐसा बंधन बनाया जिसकी वजह से बिना किसी बातचीत के ही डील हो गई। संस्थापक बिना अपने इक्विटी से समझौता किए हुए अपने इनोवेशन का प्रदर्शन करते हुए टैंक से एक डील के साथ बाहर निकले।
शार्क टैंक में शामिल होने पर हर्षल के शब्द
अपने अनुभव को साझा करते हुए हर्षल ने कहा, “‘शार्क टैंक’ में हमारे ब्रांड AI Car के साथ भाग लेना युवा उद्यमियों के लिए एक शानदार अवसर है। हालाँकि शार्क केवल मुनाफा कमाने वाली कंपनियों में ही निवेश करते हैं, लेकिन राष्ट्रीय टेलीविज़न पर हमारी उपस्थिति से उभरते उद्यमियों को पहचान मिलती है।”
उन्होंने आगे कहा, “ऐसे प्रतिष्ठित मंच पर अपनी तकनीक का प्रदर्शन करने का मौका मिलने के लिए मैं आभारी हूँ। ‘Shark tank season 3 india‘ सोनी लिव पर प्रसारित होता है।”
एक छोटे से गाँव के 19 साल के उद्यमी की यह अविश्वसनीय यात्रा, नवाचार और दृढ़ संकल्प की क्षमता को नई खोजों और हल खोजने में प्रदर्शित करती है।”
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